Pad kise kahate hain – पद परिचय कितने प्रकार / भेद के होते हैं

Pad kise kahate hain – pad parichay in hindi – पद किसे कहते हैं? – पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं – पद परिचय कितने भेद के होते हैं – हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा का एक महत्वपूर्ण अंग हैं. तथा हिंदी भाषा को शुध्द रूप से लिखने और बोलने के लिए हिंदी व्याकरण में विभिन्न नियम दीए गए हैं. जिसका प्रयोग कर के कोई भी व्यक्ति हिंदी भाषा को आसानी से सिख सकता हैं. इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण पाठ पद परिचय और पद परिचय के भेद या प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने वाले हैं.

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पद किसे कहते हैं? (pad kise kahate hain –pad parichay in hindi)

जब किसी शब्द को वाक्य में प्रयोग किया जाता हैं. तो वह शब्द पद बन जाता हैं. क्योंकि वाक्य में शब्द को वाक्य के अन्य शब्दों के काल, लिंग, वचन, कारक इत्यादि व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयोग किया जाता हैं. अंत वाक्य में प्रयोग करने के बाद शब्द पद कहलाता हैं.

जैसे प्रत्येक व्यक्ति का कोई ना कोई परिचय होता हैं. जैसे प्रत्येक व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, जाति, पता व्यक्ति का परिचय होता हैं. उसी प्रकार किसी वाक्य में प्रयोग होने वाले प्रत्येक शब्द का हिंदी व्याकरण के अनुसार परिचय जैसे संज्ञा, सर्वनाम, लिंग, वचन, क्रिया, कारक इत्यादि होता हैं. जिसे ही पद या पद परिचय कहा जाता हैं. पद परिचय के अन्य नाम या पर्यायवाची शब्द ‘पदनिर्देश’, ‘पदच्छेद’, और ‘पदविन्यास’ हैं.

Shabd ke kitne bhed hote hain – सम्पूर्ण जानकारी उदाहरण सहित

पद परिचय के उदाहरण

पद परिचय का उदाहरण के द्वारा विवरण निचे दिया गया हैं.

मुकेश से रोहित को पुस्तक दी.

इस वाक्य में 6 पदों का उपयोग किया गया हैं. जिन्हें हिंदी व्याकरण के नियम के अनुसार वाक्य में रखा गया हैं. इसका विवरण इस प्रकार से हैं:

मुकेश : संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘ने’के साथ कर्ता कारक, द्विकर्मक क्रिया ‘दी’के साथ.
रोहित : संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक.
पुस्तक : संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक.

पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं – पद परिचय कितने भेद के होते हैं?

पद परिचय के आठ भेद या प्रकार होते हैं. यह आठ प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. संज्ञा पद परिचय
  2. सर्वनाम पद परिचय
  3. विशेषण पद परिचय
  4. अव्यय पद परिचय
  5. क्रियाविशेषण पद परिचय
  6. क्रिया पद परिचय
  7. संबंधबोधक पद परिचय
  8. समुच्चयबोधक पद परिचय

संज्ञा का पद परिचय

वाक्य में संज्ञा पदों का पद परिचय करते समय संज्ञा पद की संज्ञा का भेद, लिंग, वचन, कारक तथा वाक्य में उपस्थित क्रिया और अन्य शब्दों के साथ उसके सम्बन्ध का अध्धयन किया जाता हैं.

संज्ञा का पद परिचय का उदाहरन:

लंका में राम ने बाणों से रावण को मारा.
इस वाक्य में ‘लंका’, ‘राम’, ‘वाणों’, और ‘रावण’ चार संज्ञा पद हैं. इनका पद परिचय इस प्रकार होगा.
लंका : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक, ‘मारा’ क्रिया का आधार.
राम : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक, ‘मारा’ क्रिया का कर्त्ता.
बाणों : संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, करण कारक, ‘मारा’ क्रिया का कर्म.
रावण : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘मारा’ क्रिया का कर्म.

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सर्वनाम का पद परिचय

वाक्य में सर्वनाम पदों का पद परिचय करते समय सर्वनाम पद का सर्वनाम का भेद, लिंग, वचन, कारक तथा वाक्य में उपस्थित क्रिया और अन्य शब्दों के साथ उसके सम्बन्ध का अध्धयन किया जाता हैं.

सर्वनाम का पद परिचय का उदाहरन:

मेघा और हम मेला देखने गए.

इस वाक्य में हम शब्द सर्वनाम हैं. जिसकी व्याख्या निम्न-अनुसार हैं.
हम – पुरूषवाचक सर्वनाम,उत्तम पुरूष,पुल्लिंग,बहुवचन, कर्ता कारक ‘देखने गए’ क्रिया का कर्ता.

विशेषण का पद परिचय

वाक्य में विशेषण पदों का पद परिचय करते समय विशेषण पद का विशेषण के भेद, लिंग, वचन, और विशेष्य का अध्धयन किया जाता हैं.

विशेषण का पद परिचय का उदाहरन:

रमेश बहुत शैतान लड़का है.

इस वाक्य में बहुत और शैतान दो विशेषण शब्द हैं.

बहुत: प्रविशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक, ‘शैतान’ का विशेषण.

शैतान: गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, कर्मकारक, ‘लड़का’ का विशेषण.

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय

वाक्य में विस्मयादिबोधक अव्यय पदों का पद परिचय करते समय विस्मयादिबोधक अव्यय पद का भेद और उनके सम्बंधित शब्दों का अध्धयन किया जाता हैं.

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय का उदाहरन:

वाह ! क्या स्वाद हैं.

इस वाक्य में ‘वाह’ शब्द विस्मयादिबोधक अव्यय शब्द हैं.
वाह ! : विस्मयादिबोधक, आनन्द प्रकट करता है.

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क्रियाविशेषण का पद परिचय

वाक्य में क्रियाविशेषण पदों का पद परिचय करते समय क्रियाविशेषण का प्रकार और उस क्रिया पद की व्याख्या करनी होती हैं जिसके लिए क्रिया विशेषण शब्द का उपयोग किया गया हैं.

क्रियाविशेषण का पद परिचय का उदाहरन:

बहुत जल्द जाओ.
इस वाक्य में ‘बहुत’ और ‘जल्द’ क्रिया-विशेषण पद हैं. इनका पद परिचय इस प्रकार होगा.
बहुत : परिमाणवाचक क्रियाविशेषण और जल्द का गुणबोधक है.
जल्द : समयवाचक क्रियाविशेषण और क्रिया का काल बतलाता है.

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क्रिया का पद परिचय

वाक्य में क्रिया पदों का पद परिचय करते समय क्रिया का प्रकार, लिंग, वचन, पुरुष और क्रिया पद से सम्बंधित शब्दों की व्याख्या करनी होती हैं.

क्रिया का पद परिचय का उदाहरन:

लता निबंध लिखती है.

लिखती हैं – सकर्मकक्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘लिख’ धातु, वर्तमानकाल.

संबंधबोधक का पद परिचय

वाक्य में संबंधबोधक पदों का पद परिचय करते समय संबंधबोधक का भेद या प्रकार और संबंधबोधक पद से सम्बंधित शब्दों की व्याख्या करनी होती हैं.

संबंधबोधक का पद परिचय का उदाहरन:

इस अलमारी के भीतर चार कमीज और दो पत्र हैं.
ऊपर दीए गए वाक्य में ‘भीतर’ संबंध बोधक पद है. इसका पद परिचय इस प्रकार होगा :
भीतर : संबंध वाचक अव्यय, इसका संबंध अलमारी’ से है.

समुच्चयबोधक का पद परिचय

वाक्य में समुच्चयबोधक पदों का पद परिचय करते समय संबंधबोधक का भेद या प्रकार और समुच्चयबोधक पद से सम्बंधित योजित शब्दों की व्याख्या करनी होती हैं.

समुच्चयबोधक का पद परिचय का उदाहरन:

मुंबई अथवा बैंगलोर में पढ़ना ठीक है.
इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चय बोधक शब्द है. इसका पद परिचय इस प्रकार होगा :
अथवा: विभाजक समुच्चय बोधक अव्यय मुंबई और बैंगलोर का विभाजक संबंध.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Pad kise kahate hain – pad parichay in hindi – पद किसे कहते हैं? – पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं – पद परिचय कितने भेद के होते हैं –) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको पद परिचय और पद परिचय के भेद या प्रकार के बारे में सरल भाषा में ज्ञान देना हैं. इस आर्टिकल में हमने विभिन्न उदाहरानो शब्दों का समावेश किया हैं. जिससे पाठक को पद परिचय पद परिचय संधि के भेद या प्रकार समझने में सहायता मिलती हैं.

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