Padmavat kiski rachna hai | रानी पद्मावती की कहानी | पद्मावत की भाषा क्या है

Padmavat kiski rachna hai | पद्मावत महाकाव्य में कितने सर्ग है | पद्मावती किसका नाटक है – भारतीय इतिहास अनेक प्रेम कथाओ से भरा हुआ है पुराने समय में राजा रानियों की कथाए हर किसी को मोहित करती है लेकिन इस कहानी में खलनायक भी बिच में आ जाता है ऐसी ही एक अनोखी प्रेम कहानी रानी पद्मावती और चितौड़ के राजा रतनसेन की थी इस आर्टिकल में हम आज पद्मावत के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे और जानेगे की इसकी रचना किसने की थी.

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padmavat kiski rachna hai | पद्मावत  किसकी रचना हैं

पद्मावत की रचना मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा सन 947 हिजरी 1540 ईसापूर्व में की गयी थी. मलिक मोहम्मद जायसी सूफी संत थे. पद्मावत रचना में उन्होंने रानी पद्मावती और रतनसेन की प्रेमकथा को विस्तार पूर्वक वर्णन किया हैं. राजा रतनसेन चितौड़ के राजा थे. और रानी पद्मावती रतनसेन की रानी थी.

रानी पद्मावती बहुत ही स्वरूपवान थी उनके सौन्दर्य की प्रशंसा सुनकर उन्हें प्राप्त करने के लिए अलाउदीन खिलजी ने चितौड़ पर आक्रमण किया और विजय भी हांसिल की लेकिन रानी के जल मरने के कारण वह उसे प्राप्त नहीं कर पाया.

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पद्मावत महाकाव्य में कुल 57 खंड हैं. जायसी द्वारा रचित इस महाकाव्य में प्रारंभिक कथा काल्पनिक हैं. और अंत इतिहास पर आधारित है. जायसी ने कल्पना और इतिहास दोनों का मिश्रण करके महाकाव्य की रचना की हैं. जायसी ही लिखते है की उन्होंने पद्मावत महाकाव्य की रचना 927 हिजरी में प्रारंभ की थी.

पद्मावती की जानकारी:  कौन थी रानी पद्मावती

पद्मावती चितौड़ की रानी थी. रानी पद्मावती के पिता का नाम गंधर्वसेन और माता का नाम चंपावती था. रानी पद्मावती बचपन से ही बहुत सुंदर थी. बड़ी होते ही उनके पिता ने उनके स्वयंवर का आयोजन किया.

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स्वयंवर में सभी हिन्दू राजाओ को आमंत्रित किया गया. उस स्वयंवर में चितौडगढ़ के राजा रतनसेन भी शामिल हुए. जबकि उनकी पहले से एक पत्नी रानी नागमती होने के बावजूद भी रतनसेन स्वयंवर में शामिल हुए. राजा रतनसेन ने स्वयंवर जीता और रानी पद्मावती से विवाह किया.

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रानी की सौदर्य की प्रशंसा सुनकर अलाउदीन खिलजी उन्हें देखने चितौड़ पहोचा था. और उनसे मिलने का आग्रह किया था. लेकिन रानी ने खिलजी को मिलने से माना कर दिया था. और कहा की वह खिलजी को अपने दर्शन शीशे या पानी के माध्यम से करायेगी.

रानी की बात का सम्मान करते हुए खिलजी ने प्रस्ताव का स्वीकार किया जैसे कहा गया वैसे ही हुआ. रानी की खूबसूरती देखकर खिलजी रानी की खूबसूरती पर मोहित हो गया.

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अलाउदीन खिलजी ने रानी को प्राप्त करने के लिए राजा रतन सिंह को अपने दूत के द्वारा पत्र लिखा के रानी को उसे उसके हवाले कर दो और बदले में जो चाहिए ले लो. ऐसा पत्र मिलते ही राजा क्रोधित हो गए और दूत वापिस भेज दिया. पत्र का अस्वीकार होते ही अलाउदीन खिलजी ने चितौड़ पर चढ़ाई कर दी. आठ वर्ष तक उन्होंने चितौड़ को घेरे बंदी में रखा और युद्ध करते रहे लेकिन गढ़ नहीं तोड़ पाए.

उसके पश्चात खिलजी ने एक चाल चली और राजा के सामने एक प्रस्ताव रखा की रानी नहीं चाहिए. आपके पास जो समुद्र से मिली अमूल्य चीज़ हैं. वह हमें देकर मेल कर सकते हो.

राजा ने खिलजी की बात का स्वीकार किया और उन्हें राज महेल में आमंत्रित करके बहुत महेमान नवाजी की तब के राजा के विश्वास पात्र सरदार गोरा बादल ने उन्हें बहोत समझाया की इनका विश्वास करना ठीक नहीं है. लेकिन राजा ने उनकी बातो पर ध्यान नहीं दिया.

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अंत में खिलजी ने राजा से विदाय मांगी. जब राजा उसको विदाय देने के लिए उसके साथ चला और अंतिम फाटक आते ही खिलजी के इशारे से राजा को बंधी बनाकर दिल्ही ले जाया गया.

वहा उन्हें कोठरी में बंधक बना लिया. यहाँ चितौड़ में हाहाकार मच गई और रानी पद्मावती ने गोरा और बादल को रतनसेन को बंधक में से मुक्त करवा के सही सलामत लेके आने के लिए आग्रह किया रानी बात से यह दोनों सरदार चालाकी से राजा को मुक्त करके चितौड़गढ़ ले आए.

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खिलजी उसका पीछा करते हुए आया. और चितौड़ पर आक्रमण किया. राजा रतन सिंह युद्ध में वीरगति हुए. राजा रतन सिंह के वीरगति के बाद चितौड़ की महिलाओ ने आग जलाई और रानी पद्मावती के साथ कई महिलाओ ने अपनी आन बान को बचाए रखने के लिए आग में कूदकर अपनी जान दे दी. उस दौरान ऐसे कोई अपनी जान देता था तो उसे जौहर कहा था. जिन महिलाओ ने जौहर किया आज भी उन महिलाओ के बखान कई लोकगीतों में जीवित हैं.

पद्मावत महाकाव्य में कितने सर्ग है

पद्मावत में सर्ग नहीं होके खंड हैं. पद्मावत में कुल 57 खंड हैं. पद्मावत मसनवी शैली में रचित एक काव्य हैं.

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पद्मावत की भाषा क्या है

मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा रचित पद्मावत अवधी भाषा में लिखा गया है.

पद्मावती किसका नाटक है

पद्मावत मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा रचित एक महाकाव्य है. जिसमे मलिक मोहम्मद जायसी पद्मावती और चितौड़ के राजा रतन सिंह के प्रेम कहानी को विस्तार पूर्वक वर्णन किया है.

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एवं पद्मावती के खूबसूरती से मोहित होकर अलाउदीन खिलजी ने कैसे उन्हें पाने के लिए चितौड़ पर आक्रमण किया यह विस्तार पूर्वक बताया गया है.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Padmavat kiski rachna hai | पद्मावत महाकाव्य में कितने सर्ग है | पद्मावती किसका नाटक है ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको पद्मावत के बारे में विस्तार से जानकारी देना है. पद्मावत की रचना मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा सन 947 हिजरी 1540 ईसापूर्व में की गयी थी. मलिक मोहम्मद जायसी सूफी संत थे. पद्मावत रचना में उन्होंने रानी पद्मावती और रतनसेन की प्रेमकथा को विस्तार पूर्वक वर्णन किया हैं. राजा रतनसेन चितौड़ के राजा थे. और रानी पद्मावती रतनसेन की रानी थी.

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