ताजमहल कहा स्थित हैं | About taj mahal in hindi

ताजमहल कहा स्थित हैं | About taj mahal in hindi | taj mahal kahan sthit hai |ताजमहल किसने बनाया |ताजमहल का इतिहास – हमारे देश में ऐसी अनेक इमारत हैं. जो आज भी हमे बादशाहों और राजाओ की याद दिलाती हैं. यह इमारते हमारे देश की धरोहर हैं. तथा पूरी दुनिया से लोग इन इमारतो को देखने के लिए आते हैं. इसलिए इन इमारतो की रक्षा करना भी आम नागरिक और हमारे देश की सरकार की जिम्मेदारी हैं.

इस आर्टिकल में हम ऐसी ही राष्ट्रिय धरोहर और विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के बारे में जानेगे. इस आर्टिकल में हम ताजमहल के निर्माण और इतिहास से जुड़ी रोचक जानकारिय प्राप्त करेगे.

taj-mahal-kahan-sthit-hai-about-taj-mahal-in-hindi-kisne-banwaya-itihas-1

ताजमहल कहा स्थित हैं | Taj mahal kahan sthit hai

ताजमहल हमारे देश के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है.

ताजमहल किसने बनाया?

ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के स्मरण में कराया था.

ताजमहल का निर्माण कब हुआ था?

ताज़महल के केंद्र में स्थित मकबरे का निर्माण सन 1643 में पूर्ण हुआ था. इसके पश्चात् दस वर्ष का समय इमारत के अन्य भागो को बनाने में लगा था.

ताजमहल के अंदर क्या है?

ताजमहल के अंदर बादशाह शाहजहा की पत्नी बेग़म मुमताज महल का मकबरा हैं.

चारमीनार कहाँ स्थित हैं | Information about charminar in hindi

ताजमहल बनाने में कितना समय लगा था?

ताजमहल की आधारशिला और मकबरे के निर्माण में 12 साल का वक्त लगा. तथा इमारत के अन्य भागों को बनाने में अगले 10 साल का वक्त लगा. इस प्रकार पूरी इमारत को बनाने में 22 वर्षो का समय लगा था.

ताजमहल की जानकारी | About taj mahal in hindi

ताजमहल हमारे देश के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है. ताजमहल हमारे देश की राष्ट्रिय धरोहर है. इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के स्मरण में कराया था. ताजमहल वास्तव में बेगम मुमताज महल का मकबरा हैं. यह मकबरा मुगल वास्तुकला का उत्कर्ष प्रतीक है.

मिट्टी कितने प्रकार की होती हैं | Mitti kitne prakar ki hoti hai

इस इमारत की वास्तु शैली भारतीय, इस्लामी, फारसी और तुर्क वास्तुकलाओं का अनोखा मिश्रण हैं. सन 1983 में ताजमहल को यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर स्थल’ का दर्जा दिया था. ताजमहल को हमारे देश में इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है.

ताजमहल की संरचना सामान्य इमारत से काफी भिन्न है. तथा ताजमहल का आकार गुम्बदनुमा हैं. इस ऐतिहासिक इमारत के केंद्र में सुन्दर मकबरा है. यह मकबरा वास्तुकला का श्रेष्ठ नमूना है. इस इमारत के प्रधान रूपांकनकर्ता उस्ताद अहमद लाहौरी है.

काला सोना किसे कहते हैं | कोयला कैसे बनता है – सम्पूर्ण जानकारी

ताजमहल का निर्माण

ताजमहल आगरा शहर के दक्षिणी छोर पर एक छोटे भूमि पठार पर स्थित है. इससे पहले इस जमीन पर जयपुर के राजपूताना राजा महाराजा जयसिंह का महल हुआ करता था. बादशाह शाहजहां ने जयसिंह को इस जमीन के बदले में शहर के मध्य में वृहत महल बना कर दिया था.

ताजमहल के निर्माण के लिए लगभग 3 एकड़ मैदान को खोदा गया. तथा इस इमारत की ऊंचाई नदी से 50 मीटर ऊपर उठाई गई थी. जिससे इमारत को सीलन आने का खतरा ना रह सके.

ताजमहल की आधारशिला और मकबरे के निर्माण में 12 साल का वक्त लगा. तथा इमारत के अन्य भागों को बनाने में अगले 10 साल का वक्त लगा. इस प्रकार पहले मीनारें, फिर मस्जिद, फिर जवाब और अंत में मुख्य द्वार बनाया गया.

पृथ्वीराज चौहान के घोड़े का नाम क्या है – पृथ्वीराज चौहान का इतिहास

क्योंकि ताजमहल का निर्माण विभिन्न स्तरों में किया गया. इसलिए ताजमहल के निर्माण और कार्य समाप्ति के समय पर विद्वानों में मतभेद रहते है. ताजमहल के निर्माण में कुल 3 अरब 20 करोड़ की लागत आई थी. अगर इसे वर्तमान समय के अनुसार देखा जाए तो यह लागत खरबो डॉलर में होगी.

taj-mahal-kahan-sthit-hai-about-taj-mahal-in-hindi-kisne-banwaya-itihas-2

ताजमहल को संपूर्ण भारत के साथ पूरे एशिया से लाई हुई सामग्री से निर्मित किया गया था. तथा इन सामग्रीयो को लाने में 1000 से अधिक हाथियों का प्रयोग किया गया था. ताजमहल में प्रयोग किए गए संगमरमर पत्थर को राजस्थान के मरकाना से लाया गया हैं. क्रिस्टल चीन से, फिरोजा को तिब्बत, तथा नीलम को श्रीलंका से लाया गया हैं.

अकबर का वित्त मंत्री कौन था | Akbar ka vitt mantri kaun tha

इस प्रकार ताजमहल में 18 प्रकार के बहुमूल्य पत्थर और रत्न सफेद संगमरमर में लगे हुए हैं. ताजमहल के निर्माण में उत्तर भारत के लगभग 20,000 मजदूरो को लगाया गया था. इसके साथ ही पुरे एशिया के उत्कर्ष शिल्पकार ताजमहल के निर्माण में लगे हुए थे.

ताजमहल का इतिहास

ताजमहल के निर्माण के तुरंत बाद बादशाह शाहजहां को उनके पुत्र औरंगजे़ब ने नजरबंद कर दिया. तथा उन्हें आगरा के किले की जेल में डाल दिया गया था. बादशाह शाहजहां की मृत्यु के बाद में उनके शरीर को उनकी पत्नी के बराबर दफना दिया गया.

19वीं सदी के अंतिम तक ताजमहल की हालत बिल्कुल ख़राब होती जा रही थी. यह इमारत धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही थी.

सन 1857 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान ब्रिटिश सैनिक और सरकारी अधिकारी ताजमहल को खंडर करने में लगे हुए थे. इन्होंने ताज महल के अंदर से बहुमूल्य पत्थर और रत्न को खोद-खोद कर दीवारों से निकालना शुरू किया. जिससे ताजमहल नष्ट होते जा रहा था.

Ashok kis vansh ka shasak tha – चक्रवर्ती अशोक सम्राट

19वीं सदी के अंत तक ब्रिटिश वायसराय वाइसरॉय जॉर्ज नैथैनियल कर्ज़न ने एक योजना आरंभ की थी. तथा यह योजना 1960 में ख़त्म हुई. इस योजना के अंतर्गत आंतरिक कक्ष में एक बड़ा सा दीपक स्थापित किया गया. जो काहिरा के मस्जिद में स्थित एक दीपक के जैसा ही था.

इसके पश्चात यहां पर स्थित बागों को ब्रिटिश शैली में बदलना शुरू कर दिया गया. जो कि आज भी हमें ताजमहल के आसपास देखने को मिलते हैं. सन 1942 में सरकार ने द्वितीय युध्द के समय जर्मन और जापानी हवाई हमले से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ताजमहल के चारों ओर सुरक्षा कवच का निर्माण किया.

महाभारत किसने लिखा था | महाभारत के लेखक और रचियता

ऐसा फिर से सन 1965 और 1971 में भारत सरकार ने ताजमहल को पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय हवाई हमले से बचाने के लिए किया था. इस समय वर्तमान में ताजमहल को अनेक खतरे हैं जिसमें यमुना नदी के तट पर स्थित होना, अम्ल वर्षा और मथुरा तेल शोधक कारखाने से निकलने वाला धुँआ मुख्य खतरे हैं. सन 1983 में ताजमहल को यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर स्थल’ घोषित किया हैं.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल (ताजमहल कहा स्थित हैं | About taj mahal in hindi | taj mahal kahan sthit hai |ताजमहल किसने बनाया |ताजमहल का इतिहास ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको ताजमहल के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. ताजमहल प्राचीन वास्तुकला का सुंदर नमूना हैं. ताजमहल हमारे देश के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है. ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के स्मरण में कराया था. इस आर्टिकल में हमने ताजमहल के निर्माण और इतिहास से जुडी जानकारी भी दी हैं.

श्री रामायण से जुड़े प्रश्न और उत्तर की शृंखला – रामायण की जानकारी

सुग्रीव की पत्नी का नाम क्या था – सुग्रीव और बाली की कहानी

कृष्ण किस जाति के थे – वासुदेव किस जाति के थे

कात्यायनी मंत्र जप संख्या – माँ कात्यायनी मन्त्र – पूजा करने की विधि

 

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

x