उपभोक्ता किसे कहते है | उपभोक्ता के अधिकार और उत्तरदायित्व

Upbhokta kise kahate hain | उपभोक्ता के अधिकार और उत्तरदायित्व  | उपभोक्ता किसे कहते है |उपभोक्तावाद किसे कहते है – आप पुरे दिन अनेक वस्तुओ का भोग करते है. जैसे गाड़ी, मोबाइल, बैंक सेवा, बिजली, कपड़ा इत्यादि. यह वस्तुए हमारे जीवन को सहज और सरल बनाती है. हम अपने जीवन को सहज बनाने के लिए इन वस्तुओ को बाजार से खरीदते है. और इसका उपयोग करते है. लेकिन कही बार हमे ज्ञात होता है की हमे ठगा गया है या वस्तु का हमसे अधिक मूल्य लिया गया है. इस स्थित में हमे क्या करना चाहिए?

इस आर्टिकल में हम जानेगे की उपभोक्ता क्या होता है. और उपभोक्ताओ के क्या-क्या अधिकार होते है. इसके साथ ही इस आर्टिकल में हम उपभोक्ताओ कुछ दायित्व भी जानेगे. जिससे उपभोक्ता ठगी होने से बच सके और सही निर्णय ले सके.

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उपभोक्ता किसे कहते है | Upbhokta kise kahate hain

उपभोक्ता किसी भी व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है. यह वह व्यक्ति होता है जो किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करने के लिए व्यवसायी से वस्तु और सेवा को खरीदता है. सामान्य रूप से उपभोग करने वाली वस्तुए विभिन्न खाद्यान प्रदार्थ जैसे गेहू, दाल, चावल, फल, सब्जी इत्यादि होती है. वही उपभोग होने वाली सेवाए बिजली, यातायात के साधन, मोबाइल सेवाए इत्यादि है.

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यहा पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की उपभोक्ता वह व्यक्ति है. जो वस्तु और सेवा को उपभोग करने के लिए खरीदता है. अगर कोई व्यक्ति वस्तु और सेवा को व्यापार करने के उद्देश्य से खरीदता है. तो वह उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है. जैसे कोई फुटकर व्यापारी किसी थोक व्यापारी से वस्तुओ को खरीदता है. तो वह फुटकर व्यापारी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है.

उपभोक्तावाद किसे कहते है?

उपभोक्तावाद शब्द आज के इस आधुनिक समय में एक बहुत शक्तिशाली शब्द है. उपभोक्तावाद से तात्पर्य उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा से है. इस आधुनिक योग में कोई भी व्यक्ति व्यवसाय के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की मजबूरियों का फायदा उठा सकता है. या फिर उपभोक्ता को गलत या फर्जी सामान पकड़ा कर ठगी कर सकता है. ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओ के अधिकारों की रक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है.

उपभोक्तावाद से तात्पर्य उपभोक्ताओ के आन्दोलन से है. जिसका केंद्र बिंदु व्यापरियों, निर्माताओ, विक्रेताओ और सेवा प्रदाताओ के ईमानदारी और नैतिक मूल्यों को सुनिश्चित करना है. यह आन्दोलन व्यापार और बाजार में व्याप्त दुराचार और अनैतिकता के खिलाफ़ है. जिसमे में अकसर उपभोक्ता बहकावे में आकार नुकसान उठाता है.

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उपभोक्ता सरक्षण अधिनियम 1986 क्या है?

उपभोक्ता को अपनी आवाज उठाने और अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा मंच उपलब्ध कराया जाता है. जहा पर उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. इसी प्रकार हमारी सरकार उपभोक्ता सरक्षण अधिनियम 1986 लेकर आई है. इस कानून की तहत केंद्र और राज्यों के स्तर पर उपभोक्ता सरक्षण परामर्श समितियों के निर्माण का भी प्रावधान है.

उपभोक्ता सरक्षण अधिनियम 1986 के अंतगर्त उपभोक्ताओ से जुड़े मामलो को शीघ्र निपटाने के लिए अर्ध न्यायित पध्दति को अपनाया गया है. इसमें जिला, राज्य और राष्ट्रिय आयोग को सम्मिलित किया गया है. इन्हें उपभोक्ता न्यायलय कहा गया है.

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उपभोक्ताओ के अधिकार

आजकल टेलीविज़न और इन्टरनेट पर उपभोक्ता अनेक विज्ञापन देखता है यह विज्ञापन उपभोक्ताओ को गुमराह भी कर सकते है. और इनके माध्यम से उपभोक्ता के साथ ठगी भी हो सकती है. इसलिए सरकार के द्वारा उपभोक्ताओ को शोषण और धोखे से बचाने के लिए कुछ अधिकार दिए गए है. जिसका उपयोग करके उपभोक्ता चालबाजी से बच सकता है.

सुरक्षा का अधिकार

अगर कोई व्यापारी उपभोक्ता को कोई ऐसी वस्तु बेचता है. जो उपभोक्ता के जीवन और स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक हो. और अगर उपभोक्ता उस वस्तु के सतर्क है. और हानि को कम करने का प्रयत्न करता है और फिर भी हानि हो जाती है. तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता व्यापारी से क्षतिपूर्ति का दावा कर सकता है.

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उदाहरन के लिए जैसे आप खाना बनाने के लिए गैस का प्रयोग करते है. और अगर आपने नई गैस की टंकी खरीदी है. आपने जाँच की है की टंकी में से गैस का रिसाव नहीं हो रहा है. फिर भी अगर भविष्य में टंकी में से गैस रिस जाए और उससे आपके घर में आग लग जाए. तो उस स्थिति में आप गैस कंपनी पर क्षतिपूर्ति का दावा कर सकते है.

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सुचना का अधिकार

उपभोक्ता अगर कोई खरीदता है तो वस्तु को खरीदने से पहले वस्तु के बारे में पूरी जानकारी जैसे मूल्य, गुणवत्ता, स्तर, शुद्दता इत्यादि प्राप्त करने का अधिकार होता है. अगर वस्तु से जुड़ी कोई सर्तकता है. तो कंपनी को उपभोक्ता को वस्तु को बेचने से पहले उपभोक्ता को बतानी होगी. जैसे अगर आप रसोई गैस का प्रयोग करते है तो कंपनी को बताना होगा की “जब भी कभी गैस का उपयोग न हो तो रेगुलेटर को बंद कर दे.”

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चयन का अधिकार

उपभोक्ता को अपने विवेक के अनुसार वस्तु की गुणवत्ता को परखने का अधिकार होता है. कहि बार व्यापारी और विज्ञापनो में बुरी वस्तुओ को भी अच्छा बता कर अत्यधिक ज्यादा दाम में बेच दिया जाता है. इसके लिए उपभोक्ताओ को सचेत रहने की जरूरत होती है.

निवारण अधिकार

अगर उपभोक्ता के साथ किसी प्रकार का धोखा हुआ है. और सस्ती वस्तु को महंगा बेचा गया है. तो ऐसी स्थित में उपभोक्ता के पास दोषपूर्ण वस्तु के स्थान पर नई वस्तु और विक्रेता द्वारा अधिक मुख्य वापसी का अधिकार होता है.

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सुनवाई का अधिकार

इस अधिकार के अनुसार उपभोक्ता को अपनी शिकायत की सुनवाई पर अपनी राय रखने और अपने हित की बात कहने का पूरा अधिकार होता है.

उपभोक्ता के उत्तरदायित्व

सरकार ने उपभोक्ताओ को कुछ अधिकार दे रखे है. लेकिन कुछ उपभोक्ताओ के भी उत्तरदायित्व होते है. जिससे वह ठगी से बच सकते है. उपभोक्ताओ के उत्तरदायित्व निम्न अनुसार है:

  • उपभोक्ता का दायित्व है की वह किसी वस्तु को खरीदने से पहले किसी भी वस्तु के बारे में पर्याप्त सुचना प्राप्त करे. और अपने विवेक का उपयोग करते हुए सही वस्तु का चयन करे.
  • उपभोक्ता का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दायित्व यह है की वह वस्तु को खरीदते समय वस्तु का क्रय प्रमाण बनाए. और उसे सुरक्षित अपने पास रखे ताकि जरूरत पड़ने पर उसे प्रमाण के रूप में पेश कर सके.
  • उपभोक्ता का यह भी दायित्व है की अगर वह किसी की शिकायत करता है तो उसकी शिकायत वैध हो. कुछ मामलो में यह भी देखा गया है की उपभोक्ता गलत और झूठी शिकायत भी करता है और अत्यधिक क्षतिपूर्ति राशी का दावा करता है. यह बिल्कुल अनुचित कार्य है.
  • उपभोक्ताओ को वस्तु और सेवा को उचित तरीके से उपयोग करना चाहिए. बहुत बार देखा गया है की उपभोक्ता गारंटी के अंदर वस्तुओ का दुरुयोग करता है. जो बिल्कुल अनुचित है.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (Upbhokta kise kahate hain | उपभोक्ता के अधिकार और उत्तरदायित्व  | उपभोक्ता किसे कहते है |उपभोक्तावाद किसे कहते है) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको उपभोक्ता और उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी देना है. उपभोक्ता किसी भी व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है. यह वह व्यक्ति होता है जो किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करने के लिए व्यवसायी से वस्तु और सेवा को खरीदता है. उपभोक्ता अपने अधिकारों और दायित्वों को जानकर अपने आप को ठगी से बचा सकता है.

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आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद.

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