दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी देने वाले है कंप्यूटर के बारे में. हमने पूरी कोशिश की है कि आपको सरल से सरल भाषा में आर्टिकल में “कंप्यूटर क्या है?(What is a Computer in Hindi)” में जानकारी मुहैया कराए.
कंप्यूटर क्या है? (What is computer in Hindi)
कंप्यूटर एक मशीन है. जो आपके द्वारा दिये गए input को ग्रहण कर उनको प्रोसेस करता है. और एक output देता है. कंप्यूटर को इनपुट हम माउस और कीबोर्ड के माध्यम से देते है। और कंप्यूटर output मॉनिटर में दिखता है।
कंप्यूटर शब्द लैटिन के शब्द “computare” से आया है जिसका अर्थ होता है “गणना करना”.
Computer Program क्या होता है? (What is computer program in Hindi)
अब कंप्यूटर कैसे दिए गए इनपुट को प्रोसेस करता है. इसके लिये कंप्यूटर में programing होती है. इन programing में step wise step किसी भी विशेष काम को करने के निर्देश होते है. जैसे कि सबसे पहले प्राप्त input को computer language में बदलना.फिर अगले step को लिया जाता है. इस प्रकार से एक के बाद एक step का पालन होता है. जब एक बार प्रोसेस पूरा हो जाता है तो उसके परिणाम को कंप्यूटर मॉनिटर में दिखता है.
Computer Hardware और Software क्या है? (What is computer Hardware and Software in Hindi)
कंप्यूटर के दो तत्व है. ये दोनों मिल कर कंप्यूटर बनता है. अगर इस दोनों में से एक भी कम हो जाए तो कंप्यूटर नही बनता है. ये दो कंप्यूटर के भाग है:
- Hardware
- Software
Hardware
Hardware, कंप्यूटर का वो भाग है. जिसे द्वारा हम input देते है और output देख सकते है. Computer hardware को हम स्पर्श कर सकते है और देख सकते है. जैसे कि मॉनिटर, माउस, कीबोर्ड इत्यादि.
Software
Software, कंप्यूटर का वो भाग है. जिसके द्वारा input की processing होती है. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को स्पर्श नही कर सकते है. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पीछे से लगातार काम करता रहता है. ये कंप्यूटर की ड्राइव में सुरक्षित होते है. जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, गूगल ब्राउज़र इत्यादि.
कंप्यूटर में कितने प्रकार की device होती है. (Types of computer devices in Hindi)
कंप्यूटर में दो प्रकार के उपकरण लगे होते है. पहले होते है इनपुट device और दूसरे होते है output device.
Computer input device
कंप्यूटर इनपुट device के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देशित किया जा सकता है. इसी इनपुट device के आधार पर कंप्यूटर काम करता है. ये इनपुट device कीबोर्ड, माउस, microphone और joystick होते है.
Computer output device
इनपुट को programming के प्रोसेस करके जो रिजल्ट आता है. उसको कंप्यूटर आउटपुट device के मदद से आपको दिखता है. इन device को कंप्यूटर आउटपुट device कहते है. कंप्यूटर में लगे मॉनिटर और प्रिंटर computer आउटपुट device है
कंप्यूटर के चार आधार भूत पार्ट्स कौन कौन से है? (What is main components of computer in Hindi)
कंप्यूटर के चार आधारभूत पार्ट्स इस प्रकार से है:
- CPU
- मॉनिटर
- कीबोर्ड
- Mouse
CPU
CPU का full form ‘central processing unit’ है. CPU कंप्यूटर का सबसे महत्पूर्ण पार्ट है. इसे हम कंप्यूटर का दिमाग भी कह सकते है. CPU में कंप्यूटर का प्रोसेसर (processor) लगा होता है. ये प्रोसेसर कंप्यूटर के इनपुट device से प्राप्त इनपुट को programming की मदद से प्रोसेस करते है. और परिणाम कंप्यूटर के आउटपुट device में दिखाते है.
CPU तीन अंगो से मिल कर बनता है जो इस प्रकार से है:
- CU (Control Unit)
- ALU (Arithmetic Logic Unit)
- Memory or storage unit (MU)
CU (Control Unit)
CU का full form Control Unit है. इसका का कार्य computer input और output hardware device के बीच data स्थानांतरण को निर्देशित करना है. Control unit का समय पर data प्रोसेस होकर रिजल्ट मिलने तक जिम्मेदार है. लेकिन data प्रोसेस का काम Control unit का नही होता है.
ALU (Arithmetic Logic Unit)
Arithemic logic unit को तकनीकी भाषा में ALU भी कहते है. ALU के मदद से CPU अपने
अंक गणित और तर्क के सम्बन्धित काम को अंजाम देता है. जैसे की कीबोर्ड के इनपुट में कंप्यूटर भाषा binary को जोड़ता इस प्रकार के कामों के लिये ALU जिम्मेदार होता है.
Arithemic logic unit के भी भाग होते है:
Arithemic Section: ये सेक्शन अंक गणित से सम्बन्धित काम जैसे जोड़ना, बाकी , गुना करना के लिये जिम्मेदार होता है.
Logic Section: ये सेक्शन लॉजिक से सम्बन्धित काम जैसे data मिलान, चयन, तुलना करना के लिये जिम्मेदार होता है.
Memory or storage unit (MU)
Memory or storage unit को तकनीकी भाषा में register भी बोलते है. वास्तव में Memory or storage unit (MU) कंप्यूटर की RAM (random access memory) है. जिसमे input data को store किया जाता है. और input data को प्रोसेस करने के लिया प्रोसेसर भी यही पर सुरक्षित होता है. प्रोसेस के बाद रिजल्ट को RAM मेमोरी में सुरक्षित किया जाता है. जब तक की computer आउटपुट device को नही भेजा जाए.
Monitor
Monitor, कंप्यूटर का computer output device है. जो प्रोसेस के बाद निष्कर्ष को मॉनिटर की स्क्रीन में प्रदर्शित करता है. Monitor कही प्रकार से रिजल्ट को प्रदर्शित कर सकता है जिससे उपयोगकर्ता को आसानी से समझ में आए जैसे ग्राफिक में, पिक्चर में, लेखन में इत्यादि.
समय के साथ मॉनिटर की साइज़ भी पतली होती गई. आज के समय में LCD मॉनिटर बड़ी मात्रा में उपयोग में लिये जा रहे है. जो कि एक पतली स्क्रीन होती है.
कीबोर्ड (keyboard)
Keyboard, कंप्यूटर की computer input device है. कीबोर्ड के मदद से कंप्यूटर को निर्देश दिया जाता है. वास्तव में कीबोर्ड type writer उपकरण का एक प्रकार है. जिसमे बटन का समूह होता है. और प्रत्येक बटन एक विशेष character का प्रतिनिधित्व करता है.
Mouse
Mouse भी कीबोर्ड की तरह ही computer input device है. इनके आकार की वजह से इसका नाम mouse (चूहा) रखा गया. कंप्यूटर मॉनिटर की स्क्रीन पर cursor या point को माउस निर्देशित करता है. Mouse को एक ठोस सतह पर चलाना होता है जिससे स्क्रीन पर cursor या point का मूवमेंट (movement) होता है.
माउस तार के जरिये CPU (central processing unit) से जुड़ा होता है. लेकिन आज कल बिना तार के mouse भी बाज़ार में उपलब्ध है जो ब्लूटूथ तकनीक पर काम करते है.
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है? (Types of computer in Hindi)
मानदंड और उपयोगिता के आधार पर कंप्यूटर को मुख्यत चार भागों में विभाजित किया जा सकता है. जो इस प्रकार से है:
- Micro Computer
- Mini Computer
- Mainframe computer
- Super Computer
Micro computer
Micro computer में वो कंप्यूटर आते है जो निजी काम के लिये उपयोग लिये जाते है. जैसे आपका smartphone, desktop, लैपटॉप या टेबलेट इत्यादि. इसके लिये ज्यादा सक्षम प्रोसेसर और memory की जरूरत नही होती है.
ये ठीक ठाक लागत में बाज़ार में उपलब्ध है. जिससे आप अपना दैनिक काम कर सकते हो. सबसे पहले 8 bits microprocessor का micro computer बना था.
Mini Computer
Mini computer में वो कंप्यूटर आते है जो निजी काम के लिये उपयोग नही लिये जाते है. ये कंप्यूटर एक से ज्यादा उपयोगकर्ता उपयोग में लेते है. ये कंप्यूटर मेनफ़्रेम कंप्यूटर और micro कंप्यूटर के बीच में आते है.
Mini computer का उपयोग मुख्यत छोटे उद्योगों, प्रयोगशाला और हॉस्पिटल में होता है. हॉस्पिटल में लगी CT स्कैन मशीन इसका एक उदाहरण है.
Mainframe computer
Mainframe में वो कंप्यूटर आते है जो commercial उपयोग के लिये लगाए जाते है. इनका उपयोग बैंकों में, सरकारी कार्यलयो में होता है. ये बड़ी मात्रा में data को प्रोसेस और सुरक्षित करने की दृष्टि से बनाए जाते है.
Mainframe कंप्यूटर बहुत ही दक्ष होते है. और बड़ी मात्रा में उपयोगकर्ता को सेवा देने में सक्षम होते है.
Super Computer
जैसे नाम से ही ज्ञात हो रहा है. सुपर मतलब पहली चरण के computer होते है. जो बड़ी मात्रा में data को FLOPS स्पीड से प्रोसेस करते है. FLOPS का full form “floating point operations per second” है. जो तकनीकी शब्द है और कंप्यूटर की दक्षता स्पीड, मेमोरी और capability के आधार का मापदंड है.
सुपर कंप्यूटर मौसम की भविष्यवाणी, परमाणु सिम्युलेटर और खगोल विज्ञान जैसे जटिल गणना को हल करने में किया जाता है.
इस प्रकार के कंप्यूटर को बनाने में अच्छी ख़ासी लागत लगती है. Nasa ने अपने बनाए गए उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजने और उनकी निगरानी रखने के लिये सुपर कंप्यूटर विकसित किये है.
कंप्यूटर का संक्षिप्त इतिहास (History of computers devices in Hindi)
Computer के विकास की पूरी यात्रा को पांच पीढी में विभाजित किया गया है. जिसमे computer vaccum tube के इस्तेमाल से ले के artificial intelligence तक शामिल है.
First Generation Computer
First Generation computer का काल सन 1940 से1956 तक रहा है. इसमें vaccum tube circuit के लिये और magnetic ड्रम मैमोरी के लिये उपयोग की गई थी. इस कंप्यूटर का आकर लगभग एक कमरे के आकर के बराबर था.
इसे इनपुट समझाने के लिये binary भाषा का उपयोग किया जाता था. जिसमे सिर्फ 0 और 1 में इनपुट समझाना होता है. तो स्पष्ट इनपुट लिखना काफी कठिन था. इनपुट देने के लिये .First Generation में पंचकार्ड और आउटपुट के लिये प्रिंट का उपयोग किया गया.
ये कंप्यूटर एक समय में सिर्फ एक ही problem का समाधान करता था, उस के लिये भी एक दिन लगता था. इस कंप्यूटर में बहुत सारी समस्या थी. और इसको बनाने में उस समय बहुत लागत लगी थी.
Second Generation Computer
Second Generation computer का काल सन 1956 से1963 तक रहा है. ये computer first generation computer से ज्यादा सक्षम थे. इसमें vaccum tube के जगह पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया था. लेकिन ऊष्मा (heat) की समस्या अभी भी थी.
इस generation में binary की जगह असेंबली भाषा काम में ली गई थी.असेंबली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रुप में उपयोग किया जाता था.
इनपुट देने के लिये इस generation में भी first generation की तरह पंचकार्ड और आउटपुट के लिये प्रिंट का उपयोग किया गया था.
Third Generation Computer
Third Generation computer का काल सन 1964 से 1971 तक रहा है. ये computer first एंड second generation दोनों से काफी छोटा था और इस में ऊष्मा (heat) की समस्या काफी हद तक सुलझाई गई थी.
कंप्यूटर की इस पीढी में ट्रांजिस्टर की जगह पर इन्तेर्ग्रतेद चिप (Intergated Chip) का प्रयोग किया गया था. जिससे ट्रांजिस्टर सिलिकॉन चिप पर लगे होते है. इससे कंप्यूटर का आकार छोटा हो गया था. और साथ में स्पीड भी बढ़ गई थी.
कंप्यूटर को इनपुट समझाने के लिये third generation कंप्यूटर में काफी उन्नत भाषा विकसित की गई थी. इनपुट देने के लिये इस generation में keyboard और आउटपुट देखने के लिये पहली बार मॉनिटर का उपयोग किया गया था.
Fourth Generation Computer
Fourth Generation computer का काल सन 1971 से 1984 तक रहा है. Fourth generation कंप्यूटर में microprocessor का उपयोग किया गया. जिसमे हजारों Intergated Chip को एक चिप पर लगाया गया. कंप्यूटर की स्पीड को काफी हद तक बढ़ाया गया. इस generation तक कंप्यूटर एक समय में एक से अधिक काम कर सकते थे.
इनपुट और आउटपुट को संभालने ले किये एक ही उपकरण center processing unit (CPU) बनाया गया. तथा GPU पर आधारित computer प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया. इसी पीढी में IBM ने microprocessor का इस्तेमाल किया और उसको Intel-4004 नाम दिया.
इस पीढी में उच्च स्तर की भाषा जैसे C, C++ का इस्तेमाल किया गया. Mouse का उपयोग निर्देश देने के लिये किया गया.
Fifth Generation Computer
Fifrth Generation computer का काल सन 1971 से अभी तक चल रहा है. और इस क्षेणी में भविष्य के कंप्यूटर आएँगे. जो पूरी तरह से Artificial intelligence और machine learning जैसे उन्नत तकनीक पर काम करेंगे. इस generation के कंप्यूटर की समझदारी को इंसानों की समझदारी से आँका जा रहा है. जो अपने अनुभव से अपने आप को विकसित करेंगे.
इस में कही हद तक हम सफल भी हो चुके है और Artificial intelligence पर आधारित उपकरण उपयोग भी करने लगे है. लेकिन अभी इस ओर बहुत काम बाकी है.
कंप्यूटर का भविष्य? (Future of computers devices in Hindi)
भविष्य के कंप्यूटर आज के कंप्यूटर से भी छोटे होंगे. ये एक सिक्के के आकार के भी हो सकते है. समय पूरी गति से बदल रहा है. 3D प्रिंट पर काम काफी जोरों से चल रहा है. एक अच्छी ख़ासे वैज्ञानिको का समूह इस पर कार्य कर रहे है. हो सकता है भविष्य में कंप्यूटर इंसानों के अंग भी मशीन में बनाए.
वर्तमान के कंप्यूटर को binary कंप्यूटर कहते है. ये कंप्यूटर हर इनपुट को कंप्यूटर 1 और 0 में समझते है. इसे bits कहते है.
Transistor की स्थितियों दो प्रकार की हो सकती है. Transistor ON stage को 1 (Yes condition) में और Transistor OFF stage को 0 (No condition) में इंकित करते है. और if, then, that और else का प्रयोग कर codding लिखी जाती है. जिसमे कंप्यूटर सारी सम्भावना को एक एक (step wise step) करने प्रोग्राम के विभिन्न स्तर पर if और else की condition को जांचता है. इस कारण कंप्यूटर की स्पीड को और अधिक करने की सम्भावना अभी भी है.
Computer का भविष्य Quantum computer है. ये कंप्यूटर Quantum physics पर आधारित है. जिसमे 0, 1, 10 और 01 होते है. इसे Qubit (or quantum bit) कहते है. मतलब मशीन एक साथ 0 और 1 दोनों की condition को जाँच सकती है. जिससे कंप्यूटर की स्पीड लाखों गुना बढ़ जाएगी क्योंकि कंप्यूटर की गणना करने की क्षमता बढ़ जाएगी.
Google, इंटेल और IBM जैसे बड़ी कंपनी इस पर काम कर रही है. छोटे स्तर पर इन computer को बना लिया गया है. और इसका सफ़र परीक्षण भी कर चुके है. लेकिन बड़े स्तर पर इन्हें बनाने में अभी काफी समस्याओं का सामना करना होगा.
दोस्तों हमारी पूरी कोशिश रहती है कि हम आप तक संपूर्ण जानकारी बिल्कुल आसान भाषा में ले के आए. जिससे आपकी पढने में रूचि बनी रहे. मैं उम्मीद करता हुं आपको ये आर्टिकल पढने में मज़ा आया होगा.
दोस्तों अगर आपको ये कंप्यूटर क्या है?(What is a Computer in Hindi) आर्टिकल अच्छा लगा है. तो इसे अपने उन सब दोस्तों के पास पहुँचाए जो Competition Exam की तैयारी कर रहे है. नीचे Comment लिख कर बताए. आपको किस Topic पर आसान भाषा में जानकारी चाहिए. कृपया इसको अपने दोस्तों के साथ Whatapp, Facebook या link share करे.
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